सुनीता असीम

अपने दिल में मेरा असर रख दे।
सूने उपवन में इक शज़र रख दे।
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कह रहा मन मेरा यही मुझसे।
तेरे कदमों में ये जिगर रख दे।
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कह रहे चाँद से सितारे ये।
रोशनी को इधर उधर रख दे।
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फिर मिलेंगी तुझे सभी खुशियाँ।
सर उसीके ही दर अगर रख दे।
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तब चमकती किसीकी हैं नजरें।
सामने इक नई ख़बर रख दे।
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सुनीता असीम
25/3/2020


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