करोना का वार--- हमारा प्रतिकार
करोना वाइरस वर्ष का बहुत बड़ा अभिशाप।
प्रगट हुआ इस रूप में सारे जग का पाप।
देख न पाए आंख से इतना छोटा जीव।
संक्रमण इतना विकट मानव हो निर्जीव।
चमगादड़ में रहे ये उसे न कोई हानि।
प्रतिरोधक क्षमता नहीं मानव में लो जानि।
औषधि कोई है नहीं लक्षण का उपचार।
क्षमता इच्छा शक्ति से जीत होय ना हार।
सावधानी ही रास्ता है बचाव का जान। संक्रमण ही होय ना रखना इसका ध्यान।
रोगी से दूरी रखो रहो भीड़ से दूर।मल मल धोऔ हाथ तुम साबुन से भरपूर।
मुख आंखें अरु नासिका छुओ न गन्दे हाथ।
टीशू अरु सैनिटाइजर रखो सदा ही साथ।
अति आवश्यक यदि नहीं तो बाहर ना जाव।
करो नमस्ते प्रेम से कभी न हाथ मिलाव।
शाप सिनेमा माल से रहो आजकल दूर।
फिर मस्ती से घूमना खाना आम खजूर।
बच्चों बूढ़ों के लिए घातक परम महान।
घर से बाहर जांय ना रहें सुरक्षित प्रान।
पहने कपड़े सोप से नित ही डालो धोय।
छुआ छूत से संक्रमण फिर काहे को होय।
घर का भोजन छोड़ कर होटल मीट न खाव।
वाइरस के संक्रमण से सबसे बड़ा बचाव।
कौन संक्रमित कौन नहिं ये तो समझ न आय।
छह फिट की दूरी रहे निज को रखो बचाय।
मूलमंत्र है बस यही इससे करो बचाव।
संक्रमण के जलधि में जाय न जीवन नाव।
जनता कर्फ्यू में रहो पी यम का संदेश।
भगे करोना वाइरस स्वस्थ हो अपना देश।
जो अपने बस वह करो प्रभु पर करि विश्वास।
है पालक रक्षक वही जन जन की है आस।
मन में दृढ़ विश्वास करि प्रभु पर धारो ध्यान।
वही उबारे कष्ट से उसकी कृपा महान।
देता है चेतावनी ये वाइरस का श्राप।
चलो धर्म की राह पर कभी करो ना पाप।
सुरेन्द्र पाल मिश्र पूर्व निदेशक,जेठरा खमरिया, लखीमपुर-खीरी, मोबाइल नं ८८४०४७७९८
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
सुरेन्द्र पाल मिश्र पूर्व निदेशक,जेठरा खमरिया, लखीमपुर-खीरी,
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