🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
भिलाई दुर्ग छग
विषय🥀 महिला दिवस 🥀
विधा मनहरण घनाक्षरी छंद
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नारी को पढ़ाओ अब,नारी को बढ़ाओ अब।
सुकन्या बढ़ेंगी जब,देश बढ़ जाएगा।।
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नित नये नाम कर,धरा आसमान पर।
भ्रुण कन्या बचेगी तो,जग बढ़ जाएगा।।
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घट-घट घटना तो,घट रही सरपट,
नारी नाश करोगे तो,नर बढ़ जाएगा।।
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कर नारी पूजा तुम, छोड़ काम दूजा तुम।
हर घर फूल खिले,बाग बढ़ जाएगा।।
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🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
भिलाई दुर्ग छग
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