*" पुत्रियाँ "*(वर्गीकृत दोहे)
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('प' आवृत्ति युक्त आनुप्रासिक दोहा एकादश।)
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●पाकर पुत्री पावनी, पुलकित पुर परिवार ।
पारावार-प्रसन्नता, प्रेरक प्रीत-प्रसार ।।१।।
(१४ गुरु, २० लघु वर्ण, हंस/ मराल दोहा ।)
●परिमल पारस पुत्रियाँ, पनपे पावन प्यार ।
प्रहसित पालक पालना, पल परिजन परिवार ।।२।।
(१० गुरु, २८ लघु वर्ण, पान दोहा ।)
●पुत्री प्रेम प्रवाहिणी, पुण्य प्रतीक प्रभार ।
पूरित-प्रताप-पत्रिका, पीर-पतन-परिहार ।।३।।
(१४ गुरु, २० लघु वर्ण, हंस / मराल दोहा ।)
●पुत्री प्रीत-प्रकाशिनी, प्रतीति-प्रीत प्रदीप ।
प्रखर प्रभा पत पंजिका, प्रवहण-पतन प्रतीप ।।४।।
(१२ गुरु, २४ लघु वर्ण, पयोधर दोहा।)
●प्रतिभा पालन पुत्रियाँ, पत-प्रवाह पतवार ।
पाकर पटुता पालिका, पनपे पन-परिवार ।।५।।
(१२ गुरु, २४ लघु वर्ण, पयोधर दोहा।)
●पूरित पावन प्रेरणा, पसरे प्रीत पसंद ।
प्रज्ञा पूरित पुत्रियाँ, पनपे परमानंद ।।६।।
(१५ गुरु, १८ लघु वर्ण, नर दोहा ।)
●पीहर-पीहू पुत्रियाँ, परिमल प्रेम पुकार ।
प्रेमीपन पर पूज्यपन, पले प्रीतपन पार ।।७।।
(१३ गुरु, २२ लघु वर्ण, गयंद / मृदुकल दोहा ।)
●परिमिति पूरक पूरणी, पुत्री पूर्ण प्रभास।
पर्षत पक्व प्रबोधिनी, पुष्प परस पटवास ।।८।।
(१३ गुरु, २२ लघु वर्ण, गयंद / मृदुकल दोहा ।)
●पन परिपोषी पुत्रियाँ, पावन प्रीत-प्रवाक ।
पेंगित पींग-प्रतीति पा, परिभू प्रेमिल पाक ।।९।।
(१४गुरु, २० लघु वर्ण, हंस/ मराल दोहा ।)
●पंकिल पथ पर पावनी, प्रसरित प्रीत प्रवेश ।
पुरवाई पन पुत्रियाँ, पूरित प्रेम प्रदेश ।।१०।।
(१२ गुरु, २४ लघु वर्ण, पयोधर दोहा।)
●प्रीत पले परिकल्पना, पोषित प्रेम प्रकार ।
पुष्कल प्रसार पुत्रियाँ, पावन प्रेमागार ।।११।।
(१५ गुरु, १८ लघु वर्ण, नर दोहा ।)
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भरत नायक "बाबूजी"
लोहरसिंह, रायगढ़(छ.ग.)
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