१
देश है शान मेरा, देश ही ईमान है ।
देश ही है प्राण मेरा, देश मेरी जान है ।
देश ही है ज्ञान मेरा, देश ही विधान है ।देश प्रेम है पूंजी मेरी, ये मेरी पहचान है ।
विश्व गुरु हो देश हमारा, ये मेरा अरमान है ।
मर मिटे हम देश खातिर, ये मेरा ऐलान है ।
२
है हमें विश्वास स्वयं पर
हम अपना फर्ज निभाएंगे
मातृभूमि पर हंसते-हंसते
हम अपना सर्वस्व लूट आएंगे
जिसकी छाती पे पग धर
हमने उधम मचाए हैं
जिसके हृदय के रक्त से
अपना सुमन खिलाए हैं
शांति की हर सीख हम
जिस की कृपा से पाए हैं
बाल वैभव रेनू जिसके
पल हम सदा मुस्काए हैं
उसके लिए प्राण अर्पण
हम जो नहीं कर पाएंगे
कृतज्ञ तो कहो कैसे भला
जग में नहीं कहलाएंगे
आजाद कर स्वयं मोह से
अकेला जगाके आत्म बल
सर्वस्व समर्पण करके
हम अपना कर्ज चुकाएंगे
आचार्य गोपाल जी
उर्फ
आजाद अकेला बरबीघा वाले
प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा शेखपुरा बिहा।
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