देश हित में यारों , जो मर जाएगा ,
वो अमर नाम दुनिया में कर जाएगा ।
है जन्म लेते यहीं , और है पलते यहीं ,
मां की उंगली पकड़ के , हैं चलते यहीं ,
गिरे जो कभी फिर, हैं संभलते यहीं ,
इस धरा का मोल कोई, क्या दे पाएगा ?
देश हित में यारों , जो मर जाएगा ,
वो अमर नाम दुनिया में कर जाएगा ।
जो कुछ है मेरा , सब पाए यहीं ,
जीवन में हर करतब, दिखाए यहीं ,
हैं गम में भी आंसू , छुपाए यहीं ,
इससे बचकर भला कोई , क्या रह पाएगा ?
देश हित में यारों , जो मर जाएगा ,
वो अमर नाम दुनिया में कर जाएगा ।
ज्ञान की है ज्योति , है जननी यही ,
जग से है पावन , है यह स्वर्णिम मही, मृदुल, मधुदाता, मुदित, मनभावन यही ,
ऐसी ममतामई फिर कोई, कहां पाएगा ?
देश हित में यारों , जो मर जाएगा ,
वो अमर नाम दुनिया में कर जाएगा ।
आचार्य गोपाल जी
उर्फ
आजाद अकेला बरबीघा वाले
प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा शेखपुरा बिहार
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