--------- ग़ज़ल-------------
वो अकेला है मालिक यहाँ,
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दिल में मेरे ख़ुशी है तो है,
वो मेरी ज़िंदगी है तो है !
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हर शिकायत उन्हें प्यार में,
अब दिखी जो कमी है तो है !
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वो अकेला है मालिक यहाँ,
उसकी गर बंदगी है तो हैं !!
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बात दिल में छुपाई सभी,
आँख में गर नमी है तो है !
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है जवां दिल मेरा आज भी,
जिन्दा है आशिकी है तो है !
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इक मुलाकात काफी नहीं,
वो अभी अजनबी है तो !
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दोस्त में है बुराई तो क्या
मेरी भी दोस्ती है तो है !
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** आलोक मित्तल **
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