*महकता हुआ गुलबदन देख लेना*
गिरते हैं पैसे पे कैसे इमान देख लेना
जुनून- ए-जिंदगी के परवान देख लेना
जगत पर पड़ी ये विपदा अति भारी
बंद है देश के सारे मकान देख लेना
इस भँवर में कितने फंसे है पता नहीं
खिलकर मुर्झाते बागांन देख लेना
सितम हो रहे अब भी बेटियों पर
कानून पकड़ेगा गिरेबान देख लेना
हमारी बेबसी पे ठुकराकर जाने वाले
प्यारा था "नीलम" का मुकाम देख लेना
डा.नीलम
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