डॉ निशा माथुर

जीवन की दो सबसे प्यारी चीज़ एक वक़्त दूजे रिश्ते।
आज जब वक़्त मिला है तो क्यूँ न चुका दें वो किश्तें।
बहुत कठिन समय है आया काटें उनको हंसते हंसते।
धीरे धीरे खत्म हो जाएगी आपदा चली जायेगी अपने रस्ते।


तो यकीन कीजिये खुद पे, खुदा पे,और अपने अपनों की दुआ पे।
तो यकीनन हम सभी खुल के मुस्करायेंगे और इस मुसीबत से बाहर आएंगे।


अपने अपनों की हिफाजत कीजिये और घर रहिये और सबको रखिये, हम सभी इस मुसीबत के दिनों से जल्दी ही बाहर आ जाएं इसी शुभकामनाओं के साथ🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐🌺🌺🌺🌺
नमस्ते जयपुर से - डॉ निशा माथुर🙏🙂


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...