डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी

*राम बाण🏹*     *चम्मच कानून*


दद्दा पोता सुन रहे,  चमचों का कानून।
कैसे उनके केस में, होगा नया जुनून।।


तकवारी तारीख  से,  बच जायेंगे खेत।
सुनवाई  में छूट  से, चमचे करें सचेत।।


गवाह अपने हैं सही, अपने  तथ्य  सबूत।
पक्ष विपक्ष न सोचते, चमचे  सेवा  दूत।।


चमचे सच्चे  पारखी,चमचे सच के साथ।
न्याय दिलाने के लिए,बनते सबके नाथ।।


लेट लतीफी से बचें, झगड़ों को सुलझाय।
चमचे जीवन अर्थ को,जान रहा समुदाय।


भेदभाव से भिन्न  हैं, चमचों की ये  जात।
जात असर सब जानते,चमचों के जज्बात।।

चमचे  पानीदार  है,  पानी  रब  का  नूर।
पानी बोतल  बंद  है , पीकर  के मदचूर।।


जलधारा बन सींचता, चम्मच सागर नीर।
अपनो को अपना लिए,बनके पीर फकीर।।


सिंचित जीवित पेड़ है,चमचे है  फलदार। 
 रेन बसेरा  छाँव दे,  नजरों के  किरदार।।


चमचे अपने कोर्ट  में, निर्णय करते आप।
राम अदालत आपकी, सुनते हैं चुपचाप।।


               *डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी*


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