"श्री सरस्वती माँ प्रिय सौम्या"
सहज सरल शालीन सभ्य सत।
नित नवनीत नेति नव्य नत।।
सुघर शिरोमणि शान्त शिवा सम।
नीर नयन नव नजर न्याय नम।।
नीति नियामक नभ नर नारी।
प्रीति प्रेम प्रेमिका पियारी।।
शुभगा शुभ शौभाग्य सौम्य सख।
सौजन्या सौहार्द सौर सच।।
सहजामृत सरलामृत सखिमय।
तरल तत्वमय त्वम तिय तदमय।।
स्वार्थरहित सर्वज्ञ सर्व सब।
रम्य रमण राधा रसमय रब।।
ज्ञान अथाह अनन्त अजेया ।
परम सुरम्य नमन नमनीया।।
कृपा करो हे दिव्य शारदे।
महा सरस्वति माँ शुभ वर दे।
नमस्ते हरिहरपुर से---डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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