डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

"राम विश्वजन के कल्याणी"


राम आगमन जन हितकारी।
कौशल्या पावन महतारी।।


सर्व श्रेष्ठ पुत्र दशरथ के।
निष्कामी तपसी इस जग के।।


अति पुनीत अवध अति पावन।
आये जहाँ राम मनभावन।।


त्रेता युग के राम कृपालू।
अतिशय त्यागी परम दयालू।।


है आदर्श राम का स्थापन।
बारह माह चैत  शिव भावन।।


हर्षित अवध विश्व के मानव।
आये राम दलन को दानव।।


चैत राम नवमी अति श्रेष्ठा।
सुर हितकारी सहज विशिष्टा।।


जब आये श्री राम अवध में।
हर्षोत्सव जन-जन कण-कण में।।


सुर नर मुनि प्रसन्न अति सुखमय।
जीव चराचर सकल हर्षमय।।


अष्ट सिद्धियाँ अरु नौ निधियाँ।
राम संग आयीं सब विधियाँ।।


त्याग सत्य आदर्श राम का।
जग कल्याण लक्ष्य राम का।।


रघुनन्दन श्री राम अनन्ता।
जग पूजित अज प्रिय भगवन्ता।।


निर्गुण सगुणी सकल रस खानी।
ब्रह्म अनामय सर्व सुज्ञानी।।


सकल विश्व को राम चाहिये।
श्रद्धा अरु विश्वास चाहिये।।


जिसके मन में नहिं सन्देहा।
वही राम का ससुर विदेहा।।


जो करता अति प्रीति राम से।
पाता शीतल छाँव राम से।।


भव सागर से पार उतरता।
हँसत -बोलते चलता रहता।।


सारे कष्ट दूर हो जाते।
जब श्री राम हृदय में आते।।


करो आसरा सिर्फ राम से।
जीना सीखो बहु आराम से।।


छोड़ कपट भज सदा राम को।
चलना सीखो राम धाम को।।


राम धाम ही विष्णुपुरी है।
यत्र कामना सब पूरी है।।


राम कामधेनु सम जानो।
स्वयं देखकर खुद पहचानो।।


पूर्ण करेंगे मनोकामना।
रखो राम प्रति प्रीति भावना।।


नमस्ते हरिहरपुर से---


डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801


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