मैं हिन्द हिंदुस्तान हूँ।
मैं ऋषि मुनियों का ज्ञान हूँ।
मैं पुरातन मूल्यों का गुणगान हूँ।
मैं इस पुण्य माटी की शान हूँ।।
मैं रामायण की यज्ञ शाला हूँ।
मैं गीता की पाठ शाला हूँ।
मैं महाभारत की भी हाला हूँ।।
मैं राम कृष्ण की धरा हूँ।
मैं एक शान्ति दूत सा खरा हूँ।
मैं इतिहासों से भी भरा हूँ।।
मेरी विश्व में ऊंची शान है।
सहयोग ही मेरा ईमान है।
पर पराक्रम पर अभिमान है।।
मैंने दुश्मन को धूल चटाई है।
बस तिरंगे की शान बढ़ाई है।
शत्रु पर भी करी चढ़ाई है।।
मैं दुनिया भर से निराला हूँ।
हर किसी की सहायता में दिलवाला हूँ।
हर रंग समेटे अपने में मैं इक रंगशाला हूँ।।
हर भाषा जाति धर्म और वर्ग है।
जैसे बसता धरती पर कोई स्वर्ग है।
विविधता में एकता ही हमारा तर्क है।।
गुलशन हरियाली और बाग बगीचे।
झीलें नदिया पर्वत ऊपर नीचे।
गंगा यमुना इस मिट्टी को सींचें।।
मेरे मस्तक पर हिमालय सिरमौर है।
तीन ओर सागर का छोर है ।
सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं कोई और है।।
मेरे भारत वासी सारी दुनिया में नाम
कमाते हैं।
अपने कौशल और कुशलता का डंका
बजवाते हैं।
हर बड़े पद पर धाक वह जमाते हैं।।
मैं कॅरोना महामारी में भी विश्व को राह दिखाता हूँ।
मैं 130 करोड़ भारतवासियों की जान
भी बचाता हूँ।
मैं अनुशासन में रह कर कॅरोना को
हराता हूँ।।
मैं संस्कार संस्कृति का वाहक वान हूँ।
मैं तुलसी, गौतम ,गांधी गौरव गान हूँ।
मैं अपना हिन्द भारत देश महान हूँ।।
*मैं हिन्द हिंदुस्तान हूँ।।।।।।।।।।।।।।।*
*मैं हिन्द हिंदुस्तान हूँ।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*रचयिता।।।।।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
मोब 9897071046।।।।।।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।।।।।
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