एस के कपूर "श्री हंस"* *बरेली।*

*प्रकर्ति से नाता जोड़िये ।*
*वायरस का मुख मोड़िये।।*



प्रकर्ति से    नाता  जोड़िए
उसका  दोहन   करो  ना।
प्रगति के लिए  प्रकृति से
अपना खजाना  भरो  ना।।
प्रकर्ति की   ओर   उन्मुख
होइये यही   बचायेगी हमें।
अन्यथा संसार    को   खा
जायेंगी बीमारी ये कॅरोना।।


हमारे जीवनयापन खानपान
में हो   प्राकृतिक   योगदान।
प्रकर्ति से   खिलवाड़    कर
हम   अब   ना  बने   नादान।।
हमें प्रकर्ति  की  शक्ति    का
आभास   कर लेना   चाहिए।
कयोंकि प्रकर्ति   ही    प्रदान
करती  स्वास्थ्य  अभय  दान।।


प्रकर्ति का  संतुलन   मानवता
का बनता   जीवन     दान  है।
इससे   होता मानव  आंतरिक
शक्ति का असली  उत्थान   है।।
प्रकर्ति अपना रौद्ररूप दिखाती
तो आती है बस विनाश  लीला।
इसका उत्तर प्रकर्ति का तो बस
निरंतर नियमित पुनर्निर्माण  है।।


*रचयिता।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।*
मो।    9897071046
         8218685464


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