एस के कपूर "श्री हंस*" *बरेली।*

*बेलगाम कॅरोना की धारा को*
*मिलकर हमें मोड़ना है।।।।।।*


मत निकलों यूँ  ही  बाहर तुम,
कि जिंदगी नहीं  इतनी सस्ती।
इस  कॅरोना   संकट  में   मिट,
जायेगी असमय ही तेरी हस्ती।।
लॉक डाउन का अनुपालन ही,
बचा है बस बचाव का तरीका।
साफ  स्वच्छ  सैनीटाइज करो,
देश का कोना कोना हर बस्ती।।


हाथ को तो यूँ ही  मिलाना नहीं,
पर  साथ भी  नहीं   छोड़ना  है।
मिलकर के कॅरोना की बेलगाम, 
इस   धारा दिशा को  मोड़ना है।।
जरूरी है हर  सहयोग सहायता,
सुरक्षा हर डॉक्टर नर्स के  लिए।
तभी सम्भव निर्दयी  कॅरोना की,
इस फैलती   बेल  को तोड़ना है।।


पास पास मत  आओ अभी   कि,
दुआ    दूर   दूर  से     करनी   है।
एक एक का    ढूंढ   कर   करना,
ईलाज और जड़ इसकी हरनी है।।
ध्यान रखें कि कोई  भूखा  व्यक्ति,
यूँ    ही   कदापि   सो   नहीं पाये।
अभी माने नहीं,अभी चेते नहीं तो,
जानलो बड़ी कीमत हमें भरनी है।।


*रचयिता।    एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।*
मोब   ।       9897071046
                  8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...