*कॅरोना पर विजय का परचम लहरायेगा।*
कहीं जाना नहीं, कहीं आना नहीं,
बस घर में बैठो तुम चुप चाप।
तभी धीरे धीरे यह दशानन सा,
कॅरोना जा पायेगा भाग ।।
तोड़ना है इस वैश्विक महामारी की,
बढ़ती इस श्रृंखला कड़ी को।
तोड़ दें कमर इस दुष्ट कॅरोना की,
और ये जंगल सी फैलती आग।।
वही बचेगा जो अनुशासन पालन,
करते घर पर ही बैठता है।
देखते हैं कि यह हठी कॅरोना कब,
तक यूँ ही ऐंठता है ।।
अथक परिश्रम इस मानवता का,
कदापि जायेगा नहीं व्यर्थ।
देखने योग्य होगा कि हमारे मनोबल,
को ये कब तक फैंटता है।।
सामाजिक दूरी, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, और
आइसोलेशन हमारे हथियार बनेंगें।
फिर से वही शहरों के आवागमन
और गॉंवों के खलिहान सजेंगें।।
होगा फिर गुलज़ार हर इक गुलशन
बगिया और प्रत्येक कोना घर द्वार।
विश्वास है कि कॅरोना पर विजय
के परचम अवश्य ही लगेंगें।।
*रचयिता।एस के कपूर "श्री हंस", बरेली।*
मो। 9897071046
8218685464
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