हलधर

गीत -- एक दीप राष्ट्र के नाम
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कोरोना से मत घबराओ , घर के द्वारे दीप जलाओ ।
तम से जगत बचा लेगा ये ,सारे कष्ट उठा लेगा ये ।।


सूरज के आने तक पूरी ,रात निभायेगा यह वादा ।
लड़ते लड़ते अंधियारे से ,बेसक रह जाएगा आधा ।
चाहे पथ में आंधी आये , चाहे मेघ नीर बरसाये ,
अपना सारा तेल जलाकर , खुशियों से नहला देगा ये ।।
कोरोना से मत घबराओ ,घर के द्वारे दीप जलाओ ,
तम से जगत बचा लेगा ये , सारे कष्ट उठा लेगा ये ।।1


इसके कुछ भाई सरहद पर ,प्रहरी बनकर खड़े हुए हैं ।
दूजे भाई बने चिकित्सक , कोरोना से भिड़े हुए हैं ।
घोर तिमिर को छल देगा ये , आने वाला कल देगा ये ,
मसल मसल अपनी बाती को ,पूरी रात चला लेगा ये ।।
कोरोना से मत घबराओ ,घर के द्वारे दीप जलाओ ,
तम से जगत बचा लेगा ये ,सारे कष्ट उठा लेगा ये ।।2


जग को अपना राग सुनाकर ,तमसोमाज्योतिर्मय गाकर ।
प्रातः प्रभात हमें दिखलाकर, जग में भाई चारा लाकर ।
इसकी लौ से मिले सहारा  ,सूरज का बेटा यह प्यारा ,
बैठ चिता की छाती पर भी , नई रोशनी ला देगा ये  ।।
कोरोना से मत घबराओ ,घर के द्वारे दीप जलाओ  ,
तम से जगत बचा लेगा ये , सारे कष्ट उठा लेगा ये ।।3


आओ गीत दीप के गायें ,नापेगा यह दसों दिशायें ।
हलधर " हारेगा कोरोना , पास न आयें बुरी बलायें ।
अपनी राह नहीं छोड़ेगा , पीछे कदम नहीं मोड़ेगा ,
रोग व्याधि को खा लेगा ये ,उजियारा फैला देगा ये ।।
कोरोना से मत घबराओ ,घर के द्वारे दीप जलाओ ,
तम से जगत बचा लेगा ये , सारे कष्ट उठा लेगा ये ।।4


             हलधर -9897346173


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