जय श्री तिवारी खंडवा

🙏बिदाई🙏
🙏मां कैसे विदा करूं मैं तुझको
नैन मेरे भर आते हैं
नौ दिन रही मेहमान
कलश ,अखंड ज्योत, हवन
दुर्गा सप्तशती के पाठ
धूप ,दीप ,नैवेद्य ,आरती
पूजा में मां कमी रही
क्षमा मुझे तुम कर देना
रीति मुझे निभानी है मां
विदा आपको करना है
मन मंदिर के आसन पर मा
सदा विराजित रहोगी तुम
बालक की हर विपदा को
वचन दो मा़ं हरोगी तुम
जगत जननी तुम कहलाती हो
जगत की पीर हरोगी तुम
जब जब तुमको याद करूं मां
सर पर हाथ तुम्हारा होगा
मन को यह विश्वास है मां
जग की पीड़ा निवारोगी तुम🙏
जय श्री तिवारी खंडवा


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