हे मां वीणा धारणी
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हे मां शुभ्र वस्त्रधारिणी,
दिव्य दृष्टि निहारिणी,
हे मां वीणा धारणी ,
पाती में वीणा धरै,
तू कमल विहारिणी।
पवित्रता की मूर्ति तू,
सद् भाव की प्रवाहिनी,
हे मां सुमति दायनी,
ज्ञान का वरदान दे,
मैं प्रणाम कर रहा हूं।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
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