नवरात्र के अष्टमी पर विशेष
हे मां महागौरी सबको सुमति दो
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हे मां महागौरी
वृष वाहिनी शांति स्वरूपा,
शिव शंकर की अति प्रिय प्यारी,
तेरे आठ कन्या रूप अति प्यारे,
मां तुम ही ज्ञान दायिनी सुमति दायिनी हो।
हे मां महागौरी
जिसका मन शिशु जैसा,
तुम करती हो रखवाली,
तेरे चरणों शीश झुकाओ,
मिट जायेगा जन्मों का फेरा।
हे मां महागौरी
भक्तों की तुम करती रक्षा,
सबके कष्टों को तुम हरती,
द्वार तुम्हारे आये है मां,
सबकी नैया पार लगा दो।
हे मां महागौरी
तुम हो घट-घट वासी,
ममता की मूरत तुम हो,
ज्ञान दायिनी मेधा प्रज्ञा तुम से मिलती,
शरण तुम्हारे आये है हम नादान,
हे मां महागौरी सबको सुमति दो।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
246171
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