🌹🙏🏻मां शारदे🙏🏻🌹
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हे मां शारदे
रोशनी दे ज्ञान की
तू तो ज्ञान का भंडार है
हाथों में वीणा पुस्तक
हंस वाहनी ,कमल धारणी
ओ ममतामयी मां
इतनी कृपा मुझ पर करना
मैं सदाचारी बनूं
सत्य पथ पर ही चलूं
विरोध क्यूं अन्याय का
मुस्किलों में भी न घबराओ
हे मां शारदे
दूर कर अज्ञानता
उर में दया का वास हो
ज्योति से भर दे वसुंधरा
यही मेरी नित्य प्रार्थाना
यही मेरी कामना
यही मेरी वंदना
हे मां मुझे रोशनी दे ज्ञान दे
विद्या विनय का दान दें
हे मां शारदे
हे मां शारदे।।
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📚 कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
246171
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
कालिका प्रसाद सेमवाल रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
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