कालिका प्रसाद सेमवाल रुद्रप्रयाग उत्तराखंड

मूल्यांकन
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सोने वालोंं जागो,
जाग जाओ।
यह जीवन
यूं ही न खोओ,
इसका मूल्य समझो
इसकी कीमत जानो
अपना विवेक जगाओ।
तुम्हारा धन गया 
तो क्या गया
कुछ  भी नहीं,
तुम्हारा स्वास्थ गया
तो समझो कुछ नहीं गया,
किन्तु 
यदि चरित्र ढहा
तो समझना
जीवन धन ही गया,
सब कुछ निकल गया,
क्यों कि
चरित्र ही धर्म है,
सबसे बड़ा।
चरित्र जीवन की कुंजी है।
जीवन में
चरित्र ही अमूल्य निधि है,
जहां कहीं
जिस किसी
गली -कूचे 
गांव शहर से गुजरेगो
तो, इसी से होगा
तुम्हारा मूल्यांकन।।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड


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