जनजाणरण में अमित की कुण्डलिया
कठिन परीक्षा की घड़ी, होता अब आरंभ।
अधिक कड़ाई और अब, मत भरिए दम दंभ।।
मत भरिए दम दंभ, बैठकर घर पर रहिए।
तीन मई तक बंद, लाकडाउन को सहिए।।
करे अमित अरदास, स्वयं कीजिए समीक्षा।
होवे कहीं न चूक, ले रहा समय परीक्षा।।
कन्हैया साहू 'अमित'
भाटापारा छत्तीसगढ़
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