दिनांकः २३.०४.२०२०
दिवसः गुरुवार
विधाः दोहा
शीर्षकः🤔 मानव संदेश☝️
युगधारा निर्माण कर , नयी आश नव सोच।
वृक्ष लगा उन्नत धरा , मत निकुंज को नोंच।।१।।
चाह अगर है जिंदगी , चाहत मुख मुस्कान।
बढ़ो साँच विश्वास पथ, पाओ सुख सम्मान।।२।।
रखो लाज निज देश का , करो इतर उपकार।
हो किसान या सैन्यबल, करो सदा सत्कार।।३।।
छँटे कोराना कालिमा , आए खुशियाँ भोर।
करें प्रकृति से दिल्लगी , भू अम्बर खग शोर।।४।।
समझो निज कर्तव्य को , राष्ट्रधर्म अरु नीति।
मिटा लोभ मन कालिमा,गाओ परहित गीति।।५।।
बचे देश की संस्कृति , मर्यादा सम्मान।
रोग शोक जन मुक्त हो , हो जीवन अरमान।।६।।
जीवन जीना तब सफल, जीएँ सेवा देश।
मददगार बन दीन जन , दें मानव संदेश।।७।।
कवि✍️डॉ. राम कुमार झा " निकुंज "
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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