कुमार🙏🏼कारनिक

सुबह🙏🏼सबेरे
प्रेम सोहार्द
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●द्वेश नही मन मे रखो,सदा रहो खुश यार।
 इस जग मे है व्यस्तता,सबको दीजे प्यार।।
💫🌼
●मन मे रंजिश नही रखो,बनों सभी के मीत।
 आपस मे मिलकर रहो, सुबह शाम गा गीत।
💫🍁
●प्यार कभी बिकता नही,यारी करके देख।
 होती है अनजान मे, लिखते है आलेख।।
💫🌷
●बाते सुन लो साधु की ,देते  मधुर सँदेश।
 आपस मे मिलजुल रहो,राखो नहीं क्लेश।
💫🍀
●जगमे क्यों हो बहकते,करना नहीं घमंड।
 ऊपर वाला देखता,सबके लिखता दंड।।
💫🌼


      *कुमार🙏🏼कारनिक*
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