कुमार कारनिक   छाल, रायगढ़, छग


    *विपदा हरो मां*
   मनहरण घनाक्षरी
   °°°°°°°°°°°°°°°
मेरी  विपदा  हरो  मां,
संकट  से  उबारो  मां,
करें   जय  - जयकार,
       तेरी मंदिरवां मे।
🏵
सुन  ले  मेरी  पुकार,
हो   सबका  उपकार,
जग - जननी मेरी मां,
       तेरी मंदिरवां मे।
🌸
हां संकट  की घड़ी है,
विपदा आन  पड़ी  है,
घंटियाँ  बज   रही  है,
       तेरी मंदिरवां मे।
🌼
शेरों मे बैठ आजा मां,
क्रोना संघार  करो मां,
अब  दर्शन दे  दो  मां,
       तेरी मंदिरवां मे।



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