*विपदा हरो मां*
मनहरण घनाक्षरी
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मेरी विपदा हरो मां,
संकट से उबारो मां,
करें जय - जयकार,
तेरी मंदिरवां मे।
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सुन ले मेरी पुकार,
हो सबका उपकार,
जग - जननी मेरी मां,
तेरी मंदिरवां मे।
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हां संकट की घड़ी है,
विपदा आन पड़ी है,
घंटियाँ बज रही है,
तेरी मंदिरवां मे।
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शेरों मे बैठ आजा मां,
क्रोना संघार करो मां,
अब दर्शन दे दो मां,
तेरी मंदिरवां मे।
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