दुर्गा पूजन
1.4.2020
सजी बेटियां
सुन्दर छबि न्यारी
बेटियाँ प्यारी ।
सजाये घर
बने हलवा पूरी
पूजित आज ।
पैर पखारे
लगाया टीका बैठा
शुद्ध आसन
बैठाएं कन्या
बना नौ देवी पूजे
कराने भोज।
दुर्गा अष्टमी
ढूंढते कन्या सभी
लगाने भोग ।
कैसा पूजन
मारे कन्या गर्भ में
करें वंदन ।
सृष्टि निर्मात्री
चलाये जो संसार
वो ही बेचारी ।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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