निशा"अतुल्य

प्रकृति
11.4.2020


प्रकृति की ये पुकार 
वृक्ष लगे हर बार
चाहे कोई हो त्यौहार
प्रण ये ही साधिये।


शीतल हो घनी छाया 
पथिक आराम पाया
मिले फल मीठे मीठे
वृक्ष को संवारिये ।


प्राण वायु शुद्ध पाओ
पक्षियों को पास लाओ
जग लगे भला भला 
बात मान जाइये ।


स्वस्थ जीवन का ज्ञान
प्रकृति देती महान 
सूक्ष्म ज्ञान ऋतुओं का 
आप जान जाइये।


स्वरचित
निशा"अतुल्य"


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