*साथ चलें*
12.4.2020
बन सहारा किसी का
बुराई से किनारा कीजै
आए काम किसी के
ये मन विचारा कीजै ।
दुनिया तो आनी जानी है
कर्म बने पहचान सराहा कीजै।
ईश्वर की करें स्तुति सभी आज
मुसीबत वो ही टाला कीजै ।
बचाये धरती के जीवन प्राण कैसे
रह घर में सब विचारा कीजै।
लौट कर आता नही है वक़्त गया
साथ चल इसको संवारा कीजै।
रहे खड़े सदा अपनो के ख़ातिर
बस मन सबको ये गवारा कीजै ।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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