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अद्भुत छवि तेरी मनमोहन,
मोह लिया है जग सारा।
तन मन धन तुमसे मिला है,
सबकुछ तुम्ही पर वारा।।


हानि लाभ जीवन मरण सब,
नाथ तेरा ही अधिकार।
यश मिले या अपयश स्वामी,
सबमें बसे तेरा प्यार।।


ममता समता प्रेम अनुग्रह,
अनुभव मीठा या खारा।
है भगवत लीला के अंश,
प्रभु हमें लगे यह प्यारा।।


दुख से रखो या सुख से प्रभु,
नाथ पड़ा बीच मझधार।
डुबा दो या उबारो प्रभुवर,
"सत्य"आया तेरे द्वार।।


श्री माधवाय नमो नमः🌹💐🌸🍁🌺🙏🙏🙏🙏🙏


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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