जागरूकता अभियान
महामारी मांग लाया दान में
छेड़ दी लड़ाई,भारत मां के मैदान में
जाग गया,देश का बच्चा बच्चा
आ गया होश तो,हम भी भनभनाने लगे जोश में
फौज से लड़ना तो,आसान है
ये तो इंसानियत को रौंद रही है
देश पर बिजली,कौंध रही है
विपत्ति में एकता,हमारी पहचान है
जागरूकता अभियान चलाने और
बंदूक चलाने में अंतर है,जमीन आसमान का
महामारी मांग लाया दान में
छेड़ दी लड़ाई,भारत मां के मैदान में
जाग गया देश का बच्चा बच्चा
आ गया होश तो,हम भी भनभनाने लगे जोश में
ये तो राम कृष्ण और गौतम गांधी का देश है
संकट के समय,कर्तव्य पुकार रहा है
वक्त है बाहर नहीं,घर अंदर से लडने का
बहादुरी नहीं,हमे समझदारी दिखाना है
अकारण ही भारत पर,कर दी चढ़ाई
बिना हथियार के ही,विजय श्री पाना है
महामारी मांग लाया दान में
छेड़ दी लड़ाई,भारत मां के मैदान में
जाग गया देश का बच्चा बच्चा
आ गया होश तो,हम भी भनभनाने लगे जोश में
वक्त बहस करने का नहीं है
वक्त है,हौसला अफजाई का
किसी को कमजोर मत समझो
बच्चे बूढ़े और जवान
सभी कूद पड़े हैं,इस लड़ाई में
महामारी मांग लाया दान में
छेड़ दी लड़ाई,भारत मां के मैदान में
जाग गया देश का बच्चा बच्चा
आ गया होश तो,हम भी भनभनाने लगे जोश में
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
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