पंचायती राज
धन दौलत अडबड़ कमायेन
अब आगे हमर बुढ़ापा
अब जाये के बेरा म
पतवार बने हे पंचायती राज ह
फोकट म सरकार हा कापी
किताब गणवेश सिलाथे
पड़ही लिखही बने बने
मध्यान्ह भोजन करावत हे
धन दौलत अडबड़ कमायेन
अब आगे हमर बुढ़ापा
अब जाये के बेरा म
पतवार बने हे पंचायती राज ह
हम गरीब ह रहथन
छानी के टीना टप्पर घर म
पथरा दबा के रखथन
आंधी तूफान म
पक्का घर बनवावत हे
पंचायती राज के सरकार ह
धन दौलत अडबड़ कमायेन
अब आगे हमर बुढ़ापा
अब जाये के बेरा म
पतवार बने हे पंचायती राज ह
नवा किसानी आगे भइया
ट्रैक्टर लिए किसान
नांगर बइला घलो नंदागे
लुए मिजे बर धान
फसल बीमा घलों हावय
सरकारी लोन मिलत हे
घाटा नी होय संगवारी
किसान के जिनगी बने बने हे
इही पंचायती राज आय
धन दौलत अडबड़ कमायेन
अब आगे हमर बुढ़ापा
अब जाये के बेरा म
पतवार बने हे पंचायती राज ह
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
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