दुर्गाष्टमी के अवसर पर समर्पित
भजन
जरा फूल बिछा दो,आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
कोई मइया की पायल लेे आओ
कोई मइया की बिछिया ले आओ
सब मइया की जय जयकार करो
मेरी मइया आने वाली है
जरा फूल बिछा दो आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
कोई मइया की कंगन ले आओ
कोई मइया की चूड़ी लेे आओ
सब मइया की जय जयकार करो
मेरी मइया आने वाली है
जरा फूल बिछा दो आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
कोई मइया की साड़ी लेे आओ
कोई मइया की लहंगा ले आओ
सब मइया की जय जयकार करो
मेरी मइया आने वाली है
जरा फूल बिछा दो आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
कोई मइया की कुंडल लेे आओ
कोई मइया की झुमका लेे आओ
सब मइया की जय जयकार करो
मेरी मइया आने वाली है
जरा फूल बिछा दो आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
कोई मइया की बिंदिया लेे आओ
कोई मइया की फीता ले आओ
सब मइया की जय जयकार करो
मेरी मइया आने वाली है
जरा फूल बिछा दो आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
कोई मइया की चोली ले आओ
कोई ध्वजा नारियल लेे आओ
सब मइया की जय जयकार करो
मेरी मइया आने वाली है
जरा फूल बिछा दो आंगन में
मेरी मइया आने वाली है
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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