नूतन लाल साहू

सुन लो ये दुनिया वालों
एक है भारत,नेक है भारत
हमे मिटाने सोचा है, जो
वो खुद ही मिट जायेगा
दुश्मनों के हम हैं, दुश्मन 
यारो के हम, यार है
जिस किसी में,हौसला हो तो
आजमा कर, देख ले
एक है भारत,नेक है भारत
हमे मिटाने सोचा है, जो
वो खुद ही,मिट जायेगा
बहुत सह लिया,अब न सहेंगे
नश नश में,बिजली जाग उठी है
सीने भड़क उठे है, अब
दुश्मन खाक हो जायेगा
एक है भारत, नेक है भारत
हमे मिटाने सोचा है, जो
वो खुद ही मिट जायेगा
हंसती आंखो को,जिसने आंसू दिये है
उसे माफ कभी न करना
तुम कौम की,तकदीर हो
मालिक हो,अपने वतन के
आज खड़े हो जाना है, जरा सीने तान के
एक है भारत,नेक है भारत
हमे मिटाने सोचा है, जो
वो खुद ही मिट जायेगा
जिस धरती में हम,पला बढ़ा है
वो मां,मुश्किल में पड़ी है
हम हिन्द के सिपाही है,कभी मर नहीं सकते
मिल जाये अवसर,जमाने में तो
क्या क्या कर नहीं सकते
एक है भारत,नेक है भारत
हमे मिटाने सोचा है, जो
वो खुद ही मिट जायेगा
नूतन लाल साहू


 


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