नूतन लाल साहू

आगे क्या होगा भगवान
दुनिया को हर वक्त
खुशी ही खुशी चाहिये
ग्लैमर की चाह में
सबका नींद हराम हो गया है
ये सुनामी का कहर
सबको हिला दिया है
जो कभी न रोया हो
उनको भी रुला दिया है
देश हित को छोड़ चले हम
स्वार्थ की भक्ति समाई है
भाई भाई में प्रेम नहीं
पैसा और वर्चस्व की लड़ाई है
अपना ही आदमी खुराफात की
जड़ बन रहा है
यह दृश्य देख,भारत माता के
आंखो में आंसू निकल रहा है
ये सुनामी का कहर
सबको हिला दिया है
जो कभी न रोया हो
उनको भी रुला दिया है
हमने एक इंसान से पूछा
देश के बारे में,तुम्हारा क्या ख्याल है
वो बोला,पर्सनालिटी का सवाल है
हर कानून को तोड सकता हूं
अदालत की कुर्सी का चेहरा
चाहे जिस ओर,मोड़ सकता हूं
भारत और भ्रष्टाचार की राशि एक है
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
हमारी ही देख रेख है
ये सुनामी का कहर
सबको हिला दिया है
जो कभी न रोया हो
उनको भी रुला दिया है
नूतन लाल साहू


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