(015) 🙏🏻 *प्रतिभा प्रभाती* 🙏🏻
तुम भले भूल जाओ , भूली नहीं प्रणामा ।
जो समझ के न समझे , उसे क्या बताना ।
मौसम न भूले आना , ले लो मेरा प्रणामा ।
मात तात के सर को , कभी न झुकाना ।
प्रतिभा प्रभाती का , सदा साथ निभाना ।
गुरुवर को है नित , चरण वंदन प्रणामा ।
सदा प्यार अपना , है क्यूँ कर जताना ।
मन भाव भंगिमा में , नेह स्नेह ही लुटाना ।
नमन प्रभाती ले लो , यह नित का प्रणामा ।।
🌹 *प्रतिभा प्रसाद कुमकुम*
दिनांक 15.4.2020.....
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