*अनदेखी*
लापरवाही का तांडव खड़ा मत कर
लक्षमण रेखा बाहर खिंची है
इसे जरा पार मत कर ,,,
सावधानी अपना ले तेरा ही भला
इसे अब इतना अनदेखा मत कर ।
रोम -रोम में सुरक्षा का ढाल बिछा
मिला है जीवन तुझे अब
इसे बेहाल मत कर
संभल जा अब जरा
इसे अब अनदेखा मत कर।।
हाथो की लकीरों में
सूक्ष्म वायरस का पड़ा है घेरा
हाथों को साफ नीर से धो लेना
बचेगा इस वायरस से परिवार ही तेरा।
जान जोखिम में मत कर
छोटी भूल को अनदेखी मत कर।
सड़क पर देश के रखवाले खड़े
राष्ट्र की सुरक्षा के लिए कदम से
कदम मिला के आगे बढे।
अदृश्य शक्ति से बचाने
तुम्हें ही बचाने के लिए लड़े।
ठहर जा अब कुछ ही दिनों की बात है
मर जाएगा यह अदृश्य चीन का राक्षस
बस थोड़ा घर मे विश्राम कर
देश ही आन बान शान है
इसे अनदेखा मत कर।
*✒️प्रवीण शर्मा ताल*
*स्वरचित मौलिक रचना*
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