😌😌 एक निवेदन 😌😌
मारिए पत्थर न उनको,
देश सेवा कर रहे।
आप तो हैं जानते ही,
लोग कितने मर रहे।
देश सेवा में लगे जो,
मान उनका कीजिए।
ये सभी इंसान ही हैं,
पशु समझ मत लीजिए।
छोड़कर घर-बार अपना,
आपकी सेवा करें।
क्या नहीं दायित्व अपना,
हाथ सिर उनके धरें।
हाथ धरना भी ज़रूरी,
हम नहीं हैं मानते।
पर सुरक्षा है ज़रूरी,
ये बख़ूबी जानते।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें