😌 वंदना किसकी करूॅ॑ 😌
वंदना किसकी करूॅ॑ मैं,
राम या घनश्याम की।
या कि जिसने की है रक्षा,
आज मेरे प्राण की।
है नहीं भगवान से कम,
आज वो मेरे लिए।
प्राण को मेरे बचाया,
कर न चिंता प्राण की।
मन कहे तू वंदना कर,
आज उस इंसान की।
जो खड़ा साक्षात है,
मूरत बना भगवान की।
है नमन भगवान रूपी,
आज उस इंसान की।
जो बचाने ज़िंदगी,
चिंता न करता प्रान की।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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