😌😌 देश के दुश्मन 😌😌
कुछ की मंशा है यही,
सफल न हो ये देश।
विपदा ये बढ़ती रहे,
सारे देश प्रदेश।
हर दिन करते देखिए,
ऐसे ही ये काम।
जिससे भारत हो सके,
दुनिया में बदनाम।
जिस थाली में खा रहे,
करें उसी में छेद।
तनिक नहीं इंसानियत,
देते जख़्म कुरेद।
दुश्मन हैं ये देश के,
कहती जनता आम।
जिससे विपदा बढ़ सके,
करते वो ही काम।
हे प्रभु कुछ तो कीजिए,
बनें नेक इंसान।
इनके कारण है पड़ी,
सांसत सबकी जान।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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