राजेंद्र रायपुरी

🌞    दीप जलाओ     🌞


दीप जलाओ, दीप जलाओ।
मन में तुम  विश्वास जगाओ।
हम निकलेंगे  इस  विपदा से, 
भैया   कोई   मत   घबराओ।


मिलकर हम जो साथ चलेंगे।
सबके  मन  के  दीप  जलेंगे।
हो   घनघोर  अॅ॑धेरा   तो  भी,
बाधाओं    को    पार   करेंगे।


मन में  तुम संशय मत लाना।
कहने  दो  जो  कहे  ज़माना।
करो प्रतिज्ञा आज सभी मिल,
हमको  तो  है  दीप   जलाना।


द्वार-द्वार  जब   दीप  जलेगा। 
वृक्ष  आस  का  तभी  फलेगा।
तभी    न    कोई    पछताएगा,
और  न   कोई    हाथ   मलेगा।


        ।। राजेंद्र रायपुरी।।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...