*# काव्य कथा वीथिका #*-90
( लघु कथा पर आधारित कविता)
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मानवता जीवन का वास्तविक मूल्य
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काव्य कथा ने पूछा मुझसे ,
मानवता का मतलब क्या है ।
मैने अन्तर्मन से पूछा ,
बोलो इसका उत्तर क्या है ॥
मन बोला जाकर के पूछो,
तुम साहित्यिक दर्शन से ।
इसका उत्तर मैने पाया ,
" स्वामी" के जीवन से ॥
मानव धन पैदा करता है,
धन मानव को नही जन्मता ।
मानव नियमो को है बनाता
पर नियम ना उन्हें बनाता ॥
मानव यश पैदा करता है,
यश मानव को जन्म न देता ।
मानवता करुणा की जननी,
इससे बड़ा धर्म ना होता ॥
जिसको तुम दीन समझते
वह सबसे धनवान हुआ है ।
मिट्टी का मोल उसे है मालूम ,
इस कारण महान हुआ है ॥
करुणा और दया के संग
जो कण्टक मार्ग पर चलता है ।
वह कर्मयोगी कहलाता है,
मानव का मूल्य समझता है ॥
(*स्वामी का तात्पर्य स्वामी विवेकानंद जी से है )
राजेश कुमार सिंह "राजेश"
दिनांक 08-04-2020
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