राजेश कुमार सिंह "राजेश"

*# काव्य कथा वीथिका #*-100
( लघु कथा पर आधारित कविता)
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,जंग ना हम यह हारेगें l
( कथा वीथिका शतक )
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 क्रूर *करोना* के संग रण में,
         एकाकी रहना सीख गया l
अपने घर में स्वस्थ रहें सब,
           ऐसा कहना सीख गया ll


घर में रह कर काम सभी,
         निपटाने की आदत आई l
कर्म धर्म का पालन करना,
          अंदर से यह ध्वनि आई ll 


बदल लिया  है,जीवन शैली,
               नही निराशा है मन में l 
कर्म भाव अंतर्मन में है,
        आलस्य नही है इस तन में ll 


 गर्व हमे है  योद्धाओं पर,
                 जो अग्रिम पंक्ति में हैं l
हम भी है नेपथ्य सेनानी,
           जो भी जितनी शक्ति में है ll


विकट काल हम नही कहेगें ,
                यह बस धैर्य परीक्षा है l
जीतेगा भारत इस रण में,
            यह ही ईश्वर की इच्छा है ll


स्वच्छ प्रकृति सहयोगी बन कर,
                    संकट सारे हर लेगी l
भारत श्रेष्ठ  विजेता होगा,
            खुशियाँ आँगन में खेलेगीं ll 


राष्ट्र प्रेम और सयम का,
              अद्भुत परिचय देना होगा l
साफ़ सफाई रखना होगा,
            बिल्कुल घर में रहना होगा ll 


*रक्तबीज* से जंग छिड़ी है,
                    शक्ति बध कर डालेगी l
आत्मबल और दृढ निश्चय से,
                       सारी विपदा हारेगी ll 


राजेश कुमार सिंह "राजेश"
 दिनांक 19-04-2020


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