*# काव्य कथा वीथिका #*-100
( लघु कथा पर आधारित कविता)
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,जंग ना हम यह हारेगें l
( कथा वीथिका शतक )
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क्रूर *करोना* के संग रण में,
एकाकी रहना सीख गया l
अपने घर में स्वस्थ रहें सब,
ऐसा कहना सीख गया ll
घर में रह कर काम सभी,
निपटाने की आदत आई l
कर्म धर्म का पालन करना,
अंदर से यह ध्वनि आई ll
बदल लिया है,जीवन शैली,
नही निराशा है मन में l
कर्म भाव अंतर्मन में है,
आलस्य नही है इस तन में ll
गर्व हमे है योद्धाओं पर,
जो अग्रिम पंक्ति में हैं l
हम भी है नेपथ्य सेनानी,
जो भी जितनी शक्ति में है ll
विकट काल हम नही कहेगें ,
यह बस धैर्य परीक्षा है l
जीतेगा भारत इस रण में,
यह ही ईश्वर की इच्छा है ll
स्वच्छ प्रकृति सहयोगी बन कर,
संकट सारे हर लेगी l
भारत श्रेष्ठ विजेता होगा,
खुशियाँ आँगन में खेलेगीं ll
राष्ट्र प्रेम और सयम का,
अद्भुत परिचय देना होगा l
साफ़ सफाई रखना होगा,
बिल्कुल घर में रहना होगा ll
*रक्तबीज* से जंग छिड़ी है,
शक्ति बध कर डालेगी l
आत्मबल और दृढ निश्चय से,
सारी विपदा हारेगी ll
राजेश कुमार सिंह "राजेश"
दिनांक 19-04-2020
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