रामनाथ साहू " मुरलीडीह "                             मुरलीडीह

आज की कुण्डलिया ~
02/04/2020


 
                ------- परिपाटी ------


                           🌲


परिपाटी  का मान रख , जो  भी हो  अनुकूल ।
ये हितकर हैं हर समय ,  सब सुख के शुभमूल ।।
सब सुख के शुभ मूल , जुड़े हैं संस्कारों में ।
समय व्यक्ति संबंध , बहे अविकल धारों में ।
कह ननकी कवि तुच्छ , आज जो मिली मुँहाटी ।
कारण कल्प विधान , यही  केवल परिपाटी ।।


                         🌲🌲
परिपाटी निर्माण कर ,जो हो अति नमनीय ।
सृष्टि प्रलय के बाद भी , बना रहे भवदीय ।।
बना  रहे  भवदीय , निरंतर  हो  अनुपालन ।
मन चित रहे प्रसन्न , नियम ऐसे मनभावन ।।
कह ननकी कवि तुच्छ , पुकारे अपनी माटी ।
रचो विमल सुविधान , अमरता की परिपाटी ।।


                       🌲🌲🌲


परिपाटी  सब  तोड़कर , करते हैं  उपहास ।
नये जमाने की चमक , पश्चिम पंथ विलास ।।
पश्चिम पंथ  विलास , मशीनी  मानव गढ़ता ।
भाव  रंग से शून्य , निकटता  आहें  भरता ।।
कह ननकी कवि तुच्छ , इसे जिसने भी काटी ।
अपमानित हर काल , छोड़ता जो परिपाटी ।।


               ~ रामनाथ साहू " मुरलीडीह "
                            मुरलीडीह


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