लिया आपका आश्रय
क्यों भूले हैं जगत ईश
तुम केवल स्नेही नहीं
तुम तो हृदय बसे रईश
हे जीवन आराध्य प्रभु
यह जीवन तेरे आधीन
दुःख से या सुख रखो
तुम दाता हो मैं तो दीन
सत्य निवेदन कर रहा
सदा बना रहे आशीष
याद मुझे कर लिया करें
यही भक्ति की बख्शीस
बहुत समय से जोह रहा
मुरलीधर तुम्हारी ही बाट
सेवक पै स्वामी की सदा
होती रहे करुणा बर्षात
श्रीकृष्णाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें