सत्यप्रकाश पाण्डेय

हे अनन्त शक्ति के अक्षय भंडार
तेरी कृपा छांव में है सारा संसार
दुःख से रखो या सुख से रखो प्रभु
नाथ तुम ही इस जग के आधार


ऐसी मोहिनी  डालो जग स्वामी
कष्ट न घेरें और सुखी रहें प्राणी
हरलो मुरलीधर तुम विपद घनेरी
कृष्णा बस तेरे ही गुण गाये वाणी


अपने कुकृत्य से ज्ञानी बन करके
संकट में डाली अब दुनियां सारी
अरदास करे है सत्य श्री मधुसूदन
अब तुम्ही हरो यह पीड़ा बनबारी।


श्रीकृष्णाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏


सत्यप्रकाश पाण्डेय


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...