तुम बिन चेन पड़े ना
मेरे मनमोहन कृष्णा
रोम रोम में बसे तुम
हमसे अलग रहो ना
पशु पक्षी भी तुमको
पल भर भूल न पाते
स्व मोहिनी से कृष्णा
निशदिन उन्हें रिझाते
आनन्द कन्द भगवन
तुम बिन पात हिले ना
बना रहे अनुग्रह तेरा
प्रभु दृष्टि पात करोना
"सत्य"के आराध्य देव
गोविंद सब गुनखानी
वरदहस्त रहे सिर पर
सदा ही रहे मेहरबानी।
श्रीमनमोहनाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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