हे नन्दनन्दन मोहन जगवंदन
गौ संरक्षक गौ पालक गोपाल
विधु हरि हर जाय स्वयं जपै
यशोदा नन्दन देवकी के लाल
अतुलनीय महिमा गिरिधर की
अवर्चनीयता लिए सुखधाम
हे मुरलीधर श्री बांकेबिहारी
तुम जग कष्ट हरो घनश्याम
मान मर्दन प्रभु कियो इंद्र कौ
बृजवासियों कौ संताप हरों
सकल जगत भयभीत नाथ
विपदा पयोधि से पार करों
सत्य हृदय की अद्वितीय मूर्ति
मन मन्दिर में सदा वास रहे
जग अनुरंजन भव भय भंजन
दीनों पर स्वामी अनुराग रहे।
गोपालाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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