शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप' तिनसुकिया, आसाम

मुक्तक-(विधान-1222*4)


हृदय में झाँक कर देखो,खड़े हनुमानजी होंगे,
हर इक बाधा बहुत छोटी,बड़े हनुमानजी होंगे,
मिली भक्ति से ही शक्ति,बढ़ी विश्वास की ताकत,
बचाने भक्त की नैया,लड़े हनुमानजी होंगे।।


स्वरचित-शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'
तिनसुकिया, आसाम


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