सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
       *"समय"*
"समय रहते जीवन में साथी,
कुछ तो कर लो-
जीवन में विचार।
बीता समय लौटेंगा नहीं,
साथी,
जीवन मैं फिर से-
जतन करो हजार।
सद्कर्मो की पूजा हो साथी,
सत्य का हो साथ-
प्रभु भक्ति संग करो विचार।
बदल दें समय की धारा को,
मन में हो विश्वास-
वही तो बनता जीवन आधार।
समय का जाने मोल साथी,
समय हैं-अनमोल-
बीते समय पर नहीं जोर।
प्रभु कृपा होगी जीवन में,
समय भी होगा-अनुकूल-
होगे नहीं कभी बोर।
समय रहते जीवन में साथी,
कुछ तो कर लो-
जीवन में विचार।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःः          सुनील कुमार गुप्ता
sunilgupta.
ःःःःःःःःःःःःःःःः
           24-04-2020


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